हे लम्बे कशो का दम्भ भरने वालें
तू भी बेवफ़ा ही निकला
दिखा दी तुने भी अपनी औकात
जब तुने मेरी जगह निकॉरेट निगला
सही ही कहती थी मेरी सखी बीड़ी
भरोसा न करो इस प्यार पर
पर मैं ही पगला गयी थी
मेरे एकतरफा प्यार को
तुम्हारी भी सहमती मान
जलती गयी एक के बाद एक
समाती गयी तेरी सांसों में
बना लिया घर तेरे फेफड़े में
निश्चल, निरुदेश्य, प्रेम था मेरा
कमी कहा थी बताओगे?
मैं तेरे आसपास रहूँ इसलिए
कभी cavender तोह कभी क्लासिक Milds
तोह कभी मार्लबोरो लाइट्स के रूप में
पुनर्जनम पर पुनर्जन्म लेती रही
बिना किसी गिला शिकवा बिना बंधन मैंने खुद को किया
तुझे समर्पण
तू भी बेवफ़ा ही निकला
दिखा दी तुने भी अपनी औकात
जब तुने मेरी जगह निकॉरेट निगला
सही ही कहती थी मेरी सखी बीड़ी
भरोसा न करो इस प्यार पर
पर मैं ही पगला गयी थी
मेरे एकतरफा प्यार को
तुम्हारी भी सहमती मान
जलती गयी एक के बाद एक
समाती गयी तेरी सांसों में
बना लिया घर तेरे फेफड़े में
निश्चल, निरुदेश्य, प्रेम था मेरा
कमी कहा थी बताओगे?
मैं तेरे आसपास रहूँ इसलिए
कभी cavender तोह कभी क्लासिक Milds
तोह कभी मार्लबोरो लाइट्स के रूप में
पुनर्जनम पर पुनर्जन्म लेती रही
बिना किसी गिला शिकवा बिना बंधन मैंने खुद को किया
तुझे समर्पण
अब वश तोह मेरा है नहीं तुझपर
न कभी मैंने किया तुझसे कोई लड़ाई झगड़ा
तू तोह मुझे याद भी नहीं करता बेवफा
फिर भी मैं तुझे अपने होने का अहसास दिलाती हूँ
जब तू चढ़ता है सीढ़ियाँ
या दौड़ता है बदहवास
प्यार में इतनी दूर निकल आने के बाद
थोड़ी गर्ल फ्रेंड वाली आदतें तोह आएँगी ही न
गलतफहमी है तुम्हारी कि
तुम हो गए हो TB के मरीज
असर ये मेरे प्यार का है मेरे हमनसीब
प्रियतम मेरे सुनो मेरी फ़रियाद
अब मत करो मुझे अपने से दूर
भूल जाओ डॉ. शर्मा के क्लिनिक के टूर
*******************************
आखिर में
लिख रही हूँ सूर्ख लाल चिंगारी से
स्याही न समझना
कर रही हूँ प्यार का इजहार
मुझे अनाड़ी न समझना
- तुम्हारी प्रेमिका सिगरेट
*******************************
PS: कल पच के साथी Harry Sharma ने कुछ पंक्तिया लिखी थी।
न कभी मैंने किया तुझसे कोई लड़ाई झगड़ा
तू तोह मुझे याद भी नहीं करता बेवफा
फिर भी मैं तुझे अपने होने का अहसास दिलाती हूँ
जब तू चढ़ता है सीढ़ियाँ
या दौड़ता है बदहवास
प्यार में इतनी दूर निकल आने के बाद
थोड़ी गर्ल फ्रेंड वाली आदतें तोह आएँगी ही न
गलतफहमी है तुम्हारी कि
तुम हो गए हो TB के मरीज
असर ये मेरे प्यार का है मेरे हमनसीब
प्रियतम मेरे सुनो मेरी फ़रियाद
अब मत करो मुझे अपने से दूर
भूल जाओ डॉ. शर्मा के क्लिनिक के टूर
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आखिर में
लिख रही हूँ सूर्ख लाल चिंगारी से
स्याही न समझना
कर रही हूँ प्यार का इजहार
मुझे अनाड़ी न समझना
- तुम्हारी प्रेमिका सिगरेट
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PS: कल पच के साथी Harry Sharma ने कुछ पंक्तिया लिखी थी।
दर्दे जफा कुछ ऐसा है कि खुद पे ही सितम ढाया करते हैंमुझे लगा अगर सिगरेट भी प्यार कर बैठें तोह क्या होगा। यह एक प्रयास है सिगेरेट की तरफ से कविता का। त्रुटियाँ बहुत सी है समय मिलने पर सुधार किया जायेगा।
तेरी याद में चिंगारी फिर लबों तक लाया करते हैं
इस सोच में कि दिल से खाक हो तू
कश लम्बी लगाया करते हैं
तेरी भूली बिसरी यादों को धुंए मे उड़ाया करते है
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