Friday, December 7, 2012

Mujhe jeena aata hai

अर्थ
जो जीवंत हो उठे
मेरे सामने
अगर
ये शब्दों की देह से होकर
न आते
तोह कैसे आते

मैं हंसता हूँ, प्यार करता हूँ
रोता हूँ, लड़ता हूँ
चुप हो जाता हूँ
परे नहीं हूँ सबसे
पर मैंने जीना सीखा है
जीवन जीने की कोई कला नहीं।

4 comments :

  1. Umadh, Jiwan kitna kuch apne aap shekha dete hai.

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    1. Jeene tak jeevan na simte tabhi acha hai.

      Dhanyawad !

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  2. जीवन जीने की कोई कला नहीं..

    wonderful thought...

    behad khoobsoorat kavita ki rachna ki hai apne...

    keep writing..

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