बहुत सी बातें
लेकिन अब याद नहीं मुझे
मैंने अपने अपने दिल में रखी हैं
जानते हुए कि
सभी जानते है उन बातों को,
वोह बातें जो कि
किसी निश्चित योजना के तहत
अनेक घटनाओ के धागों
को मिला कर मैंने बनाया था,
लेकिन अब याद नहीं मुझे
दिल के बीचोंबीच मैंने
बहुत से लम्हों को तुम्हारा नाम
देकर क्यूँ छुपाया था।
sweet ..
ReplyDelete:)
Bahut sundar. Last paragraph is extremely lovely!
ReplyDeleteThank you so much mam. :)
Delete